Monday, November 8, 2010

राज्य में नहीं हटेंगे अतिथि अध्यापक : हुड्डा


चंडीगढ़, 7 नवंबर (हप्र)। हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बार फिर दोहराया है कि अतिथि अध्यापकों को हटाया नहीं जायेगा। उन्होंने अतिथि अध्यापकों से विद्यार्थियों को काबिल तथा रोजगारयोग्य बनाने में अपना उल्लेखनीय योगदान देने का आग्रह किया तथा हरियाणा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक एजुकेशन हब बनाने के सपने को मूर्तरूप प्रदान करने में भी सहायता करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री रविवार को यहां अपने आवास पर ‘हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ’ के बैनर के नीचे बड़ी संख्या में आभार व्यक्त करने आये अतिथि अध्यापकों के एक कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने आंदोलनरत कुछ अतिथि अध्यापकों को यह स्पष्टï किया कि वे ऐसे किसी दबाव में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्वों द्वारा उन्हें गुमराह किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कहा कि विगत छह वर्षों के दौरान राज्य में अभूतपूर्व विकास हुआ है और अब उनका स्वप्न हरियाणा को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का एजुकेशन हब बनाने का है। उन्होंने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए अनेक विश्वविद्यालय एवं शैक्षणिक संस्थानों तथा चिकित्सा महाविद्यालयों की संख्या विगत कुछ वर्षों में बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने खेद व्यक्त किया कि उनके दो पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों ने केवल दो नये विश्वविद्यालय खोले। एक मुख्यमंत्री ने अपने पिता के नाम तथा दूसरे ने अपने गुरु के नाम विश्वविद्यालय खोले और ये विश्वविद्यालय भी अपने-अपने पैतृक जिलों में। हुड्डा ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान फरीदाबाद जिले में वाईएमसीए को विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड किया गया है। गुडग़ांव जिले में रक्षा विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है, रेवाड़ी जिले में सैनिक स्कूल स्थापित किया गया है, महेंद्रगढ़ जिले में केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है, हिसार जिले में लाला लाजपत राय के नाम से पशुचिकित्सा विज्ञान विवि खोला जायेगा तथा चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा को इसके विकास के लिये करोड़ों रुपये की ग्रांट दी गई हैं।
उन्होंने कहा कि खानपुर कलां में भगतफूल सिंह के नाम पर महिला विश्वविद्यालय खोला गया है। छोटूराम इंजीनियरिंगग कॉलेज, मुरथल को विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। फरीदाबाद, मेवात तथा करनाल में नये चिकित्सा महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। राजीव गांधी एजुकेशन सिटी, कुंडली के प्रथम चरण का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा, राज्य में अनेक अन्य संस्थान तथा प्राइवेट यूनिवर्सिटी भी स्थापित की जा रही हैं। हुड्डा ने कहा कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, उस समय शिक्षा प्रणाली की स्थिति अच्छी नहीं थी। कोई भी सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराना नहीं चाहता था।
उन्होंने कहा कि इस कारण उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया और शुरूआती दौर में अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिये तीन माह की अवधि के लिये अतिथि अध्यापकों की नियुक्तियां की गई थी। अतिथि अध्यापकों का कार्य प्रदर्शन अच्छा रहा और समय-समय पर उनकी दिक्कतों का समाधान किया गया। इससे पूर्व, शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने उन अतिथि अध्यापकों, जो आंदोलन पर हैं, से आग्रह किया कि वे अपनी मांगों के समाधान के लिये सड़कों पर आंदोलन पर जाने की अपेक्षा उन्हें स्कूलों में पढ़ाने का रास्ता अपनाना चाहिये।श्रीमती भुक्कल ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम युद्धस्तर पर लागू किया जा रहा है। जेबीटी अध्यापकों की नियुक्ति के लिये उनके स्टेशन का निर्णय काउंसङ्क्षलग के बाद लिया जा रहा है। उन्होंने राज्य में शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिये मुख्यमंत्री हुड्डा के प्रयासों की सराहना की। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के अध्यक्ष अरुण मलिक ने अतिथि अध्यापकों को अनेक सुविधाएं प्रदान करने तथा समय-समय पर उनकी शिकायतों के समाधान के लिये हुड्डा का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने अतिथि अध्यापकों के मानदेय में वृद्धि, महिला अतिथि अध्यापकों को सवेतन तीन मास का प्रसव अवकाश की सुविधा प्रदान करने तथा शादी के बाद या किसी अन्य आपात स्थिति में उनकी इच्छानुरूप जिलों में पोस्टिंग देने की सुविधा का विशेष रूप से उल्लेख किया। हुड्डा को अतिथि अध्यापकों की ओर से सम्मानस्वरूप एक पगड़ी तथा फूलों का हार भेंट किया गया। हुड्डा को चांदी का मुकुट भी भेंट किया गया था, परंतु उन्होंने नम्रतापूर्वक इसे लौटा दिया। श्रीमती भुक्कल को भी संघ द्वारा स्मृति चिह्नï भेंट किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान ओएसडी एमएस चोपड़ा तथा माध्यमिक शिक्षा निदेशक विजयेंद्र सिंह भी उपस्थित थे।

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